इस ई-पत्रिका में प्रकाशनार्थ अपने लेख कृपया sampadak.epatrika@gmail.com पर भेजें. यदि संभव हो तो लेख यूनिकोड फांट में ही भेजने का कष्ट करें.

सोमवार, 18 मई 2020

आवश्यक एहतियात

आवश्यक एहतियात (COVID 19)---
लॉकडाउन में जैसे-जैसे रियायत मिल रही है, लोग अपने कार्यक्षेत्र पर जाने के लिए घर से निकलने लगे हैं। ऐसे में यह जान लेना जरूरी है कि कार्यक्षेत्र तक पहुंचने के लिए आप जब पैदल चले तो आपके शरीर की गति क्या होनी चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन बता चुका है कि जब हम ज्यादा तेज सांस लेने वाले काम करते हैं तो कोरोना वायरस के शरीर में प्रवेश का खतरा बढ़ जाता है।
तेज सांस लेने से मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी-
दो मिनट की तेज सांस से मस्तिष्क में ऑक्सीजन की मात्रा 40% तक घट जाती है। वैज्ञानिक शोध यह साबित कर चुके हैं कि तेज सांस लेने से शरीरिक कोशिकाओं में ऑक्सीजन और कार्बन डाई ऑक्साइड का संतुलन बिगड़ता है। ऑक्सीजन की मात्रा घटते ही कोशिकाएं कम ऊर्जा का निर्माण करती हैं जिससे थकावट होने लगती है और ध्यान भटकता है।
तनाव घटाती है गहरी सांस-
गहरी श्वास भरना और तेज-तेज श्वास लेने को अक्सर लोग एक ही बात समझ लेते हैं जबकि गहरी सांस लेना एक सधी हुई शारीरिक क्रिया है। इससे शरीर के इम्यून फंक्शन में सुधार होता है, ब्लड प्रेशर का स्तर घटता है जिससे तनाव पैदा करने वाले हार्मोन घटते हैं और बेहतर नींद आती है।
कोविड-19 का बढ़ता खतरा-
विश्व स्वास्थ्य संगठन बता चुका है कि ज्यादा तेज श्वास लेने के दौरान शरीर में कोरोना वायरस के प्रवेश का खतरा बढ़ जाता है। ऐसा होने का कारण यह है कि तेज-तेज सांस लेते समय किसी संक्रमित व्यक्ति के मुंह से निकले या किसी वस्तु पर मौजूद संक्रमित ड्रॉपलेट हमारे शरीर में तेजी से प्रवेश करते हैं।
सामान्य गति से सामाजिक दूरी बनाकर चलें-
-मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकलें और पैदल चलते समय दूसरों से छह कदम(दो फिट) की दूरी बनाए रखें।
-शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए चलने से स्वभाविक रूप से आप सामान्य गति से चलेंगे, तेज सांस नहीं लेनी पड़ेगी।
-आप जितने बजे दफ्तर जाने के लिए घर से निकलते हैं, उससे 10-15 मिनट पहले निकल जाएं, इससे हड़बड़ी नहीं होगी।
-दफ्तर के रास्ते में ईयरफोन लगाकर न जाए, ऐसा करने से आप स्वच्छता के नियमों के प्रति लापरवाह हो जाएंगे।
-अगर आपके इलाके में बस या कैब चलने लगी हैं तो परिवहन संबंधी सरकारी निर्देशों का पालन करते हुए ही चलें।
-बाइक या कार से दफ्तर जा रहे हैं तो मास्क लगाकर ही जाएं, चेकिंग प्वाइंट पर जांच में सहायता करें।
-दफ्तर में थर्मल जांच कराएं, आईकार्ड पहनें ताकि पहचान की समस्या न आए।
-लिफ्ट के इस्तेमाल से बचें, अगर उसमें कोई मौजूद है तो प्रवेश न करें। उंगली की बजाय कोहनी से बटन दबाएं।
-दफ्तर में काम के दौरान भी मास्क लगाए रखना जरूरी है, अपने कुलीग से बात करते समय चेहरे को बिल्कुल सामने रखने से बचें।
मेहनत वाले काम करते समय इन बातों का ख्याल रखें-
शारीरिक मेहनत वाले काम के अलावा खेलने व व्यायाम करने के दौरान हम तेज-तेज सांस लेने लगते हैं। ऐसे काम करते समय आपके श्वसन तंत्र में कोरोना वायरस न प्रवेश कर जाए, इसके लिए जरूरी है कि ये काम करने के लिए आप स्वच्छ व न्यूनतम लोगों वाला वातावरण चुनें। इनडोर एक्सरसाइज बेहतर विकल्प रहेगा।

साइडरोड्रोमोफोबिया

Siderodromophobio(साइडरोड्रोमोफोबिया -ग्रीक सिडग्रास , "आयरन" और ड्रोमोस , "रन") से तात्पर्य ट्रेनों या रेलवे का डर है। अन्य फोबिया की तुलना में इसका निदान शायद ही कभी किया गया है, हालांकि यह केवल कम ही आंका जा सकता है। कुछ मरीज डिरेलमेंट और रेलवे दुर्घटनाओं से डरते हैं, जबकि अन्य अज्ञात कंडक्टर या अन्य रेलवे कर्मचारियों से डरते हैं। साइडरोड्रोमोफोबिया दर्दनाक अनुभवों के कारण हो सकता है या समय के साथ विकसित हो सकता है जैसे कि ओकोफोबिया (वाहनों का डर) जैसे अन्य फोबिया के साथ। कुछ मरीज़ घबराहट के दौरे से, दिल की धड़कन की दर में वृद्धि से, ठंडे पसीने या पाचन समस्याओं से पीड़ित होते हैं, जबकि अन्य लोग रोना या भागना शुरू कर देते हैं। उपचार के बिना यह बदतर हो सकता है, ताकि मरीज एक रेलवे क्रॉसिंग को पार न कर सकें, अगर वे किसी ट्रेन की सीटी या हॉर्न सुनते हैं तो स्टेशन के साथ-साथ चल सकते हैं या भयभीत हो सकते हैं।
पीड़ित ट्रेनों का उपयोग नहीं कर सकते, इसके बजाय उन्हें सड़क वाहन में बैठना होगा। कुछ भी पर्यटक आकर्षण का आनंद नहीं ले सकते हैं, जैसे कि थीम पार्क, रेलवे संग्रहालय या ऐतिहासिक स्थल, जिनमें रेलवे ट्रैक शामिल हैं। Siderodromophobia से प्रभावित व्यक्तियों का आसानी से अच्छे परिणामों के साथ इलाज किया जा सकता है। संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी का अक्सर उपयोग किया जाता है, जिसके द्वारा विचारों और प्रतिक्रियाओं को नकारात्मक से सकारात्मक में बदल दिया जाता है। इसके अलावा मनोचिकित्सा और चिकित्सा उपचार लागू किया जा सकता है। सम्मोहन और न्यूरो-भाषाई प्रोग्रामिंग के प्रभाव का वैज्ञानिक रूप से मूल्यांकन किया गया है, लेकिन कोई स्पष्ट निष्कर्ष नहीं हैं।

शनिवार, 2 मई 2020

ई-ऑफिस- एक परिचय

सभी कार्यालयों में ई-ऑफिस लांच हो गया है। हमारे अधिकांश साथी ई-ऑफिस से अभी पूरी तरह से परिचित नहीं है। ई-ऑफिस का एक परिचय इस वीडियो के माध्यम से आपको देने का प्रयास है। आगे भी ई-ऑफिस से संबंधित जरूरी सहायता वीडियो के माध्यम से देने का प्रयास रहेगा।