सोमवार, 30 सितंबर 2019
शुक्रवार, 27 सितंबर 2019
निवेदन
निवेदन
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किसी भी व्यक्ति से कुछ कहने, बोलने या कुछ लेने ,मांगने के लिए निवेदन करना मानव स्वभाव की सुंदर आदत कही जाती है। उससे मनुष्य के स्वभाव की विनम्रता, शिष्टाचार, अनुशासन की परख हो जाती है इस संसार में सभी प्राणी कहीं ना कहीं एक दूसरे से संबंध हैं। पग-पग पर प्रत्येक व्यक्ति को किसी भी व्यक्ति से सहयोग की आकांक्षा होती है, एक दूसरे के सहयोग के बिना संसार में जीवन यापन संभव नहीं है। प्रत्येक कार्य के लिए दूसरों की जरूरत अनिवार्य रूप से पड़ती है, इसके लिए ज़रूरतमंद व्यक्ति अगर दूसरे व्यक्ति से निवेदन करता है, तो वह कार्य सहायता से पूरा हो जाता है, उस निवेदन से किसी का दिल दुखी नहीं होता है| लेकिन इस प्रक्रिया के विपरीत उद्दंडता पूर्वक किसी से कुछ कहा या जबरन मांगा जाए तो उस व्यक्ति का दिल बहुत दुखी होता है| आपस में प्रेम के बजाय दुख उत्पन्न होता है| और कार्य की सफलता संदिग्ध हो जाती है।
निवेदन में आदर भाव हो, विनती हो ,तो अनुरोध, निवेदन द्वारा व्यक्ति शत्रु का दिल भी जीत लेता है। किसी भी व्यक्ति से सहयोग लेने के लिए अगर निवेदन किया जाए तो अनजान व्यक्ति भी हृदय से प्रसन्न होकर सहायता प्रदान करने में कभी एकता नहीं है। निवेदन करना शिष्टाचार का प्रमुख गुण है, यही हमारी भारतीय संस्कृत की प्राचीन समय से चली आ रही सकारात्मक सोच, चिंतन परंपरा रही है। जो मनुष्य के अंदर महानता के गुण को बढ़ाने के लिए प्रमुख आधार का कार्य करती है। किसी से जब कोई व्यक्ति निवेदन करता है तो उसका मन प्रसन्नता से झूम उठता है, और वह दिल खोल कर उसकी बात सुनता है, वह अपने जरूरी कार्य को छोड़कर भी उसकी सहायता करने के लिए खड़ा हो जाता है| निवेदन आत्मिक दुहाई का भाव जिसमें कार्य की सहायता के लिए काफी लालसा भरी मांग छुपी रहती है। भगवान से सभी निवेदन करते हुए हाथ जोड़कर कहते हैं,विनती सुन लो हे भगवान| हम सब बालक हैं नादान|
सामने वाले को श्रेष्ठ मानकर कर्ता निवेदन करके आदर सम्मान प्रदान करता है| स्वाभाविक रूप से यह मनुष्य का महान लक्षण है,उसे जो उन्हें अवश्य ही श्रेष्ठता प्रदान करता है।
"कंप्यूटर पर हिंदी टाइपिंग के विभिन्न साधन" विषयक तकनीकी कार्यशाला
गुरुवार, 26 सितंबर 2019
बुधवार, 25 सितंबर 2019
मंगलवार, 24 सितंबर 2019
"पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ मण्डल में कार्यरत कर्मचारी श्री
कौशलेन्द्र कुमार तिवारी (स्टेशन मास्टर) दिनांक- 14.08.2019 को जरवल रोड स्टेशन पर ड्यूटी कर रहे थे। गाडी सं0-
12565 स्टेशन से 19.56 बजे पास हो रही थी। प्रोसीड सिगनल देते समय इन्होंने देखा कि इंजन से 5/6 कोच से धुंआ एवं चिंगारी निकल रही है। इनके
द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए गार्ड/लोको पायलट को वी एच एफ पर सूचना देकर ट्रेन
को रूकवाकर संभावित दुर्घटना को बचाया गया। सतर्कता के साथ ड्यूटी करते हुए गाडी
का संरक्षित संचलन सुनिश्चित करने के इनके कार्य को मण्डल रेल प्रबंधक, महोदया द्वारा प्रोत्साहित किया गया|"
"पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ मण्डल में कार्यरत कर्मचारी श्री पेशकार/कांटा वाला दिनांक- 17.08.2019 को करनैलगंज में ड्यूटी पर कार्यरत थे। रात्रि 22.42 बजे गाडी सं0- 11124 स्टेशन से पास होने वाली थी तभी एक महिला अचानक ट्रैक पर
कूद गई। श्री पेशकार ने सतर्कता के साथ त्वरित कार्यवाही करते हुए ट्रेन पास होने
के कुछ क्षण पहले ही महिला को ट्रैक से अलग कर उसकी जान बचा ली। ड्यूटी करते हुए गाडी का संरक्षित संचलन सुनिश्चित करने के इनके इस कार्य को मण्डल रेल प्रबंधक,
महोदया द्वारा प्रोत्साहित किया गया "
एक भारत श्रेष्ठ भारत -भानु प्रकाश नारायण
एक भारत श्रेष्ठ भारत
मुख्य यातायात निरीक्षक
एक भारत श्रेष्ठ भारत,
विश्व में अनमोल भारत,
है कहीं क्या देश ऐसा,
जैसा है यह देश भारत।
देश पर जिसने लुटा दी,
हो यहॉ अपनी जवानी,
है यही श्रेष्ठ
भारत,
रच दी हो जिसने कहानी ।
है कॅुअर की आज भी,
सुनने में आती है कहानी,
और गोरो से लड़ी थी,
किस तरह झांसी की रानी।
बोलियॉ,भाषा अनेको,
एकता में एक हैं,
एक भारत श्रेष्ठ भारत,
विविधिता में एकता का प्रतीक है।
बह रही गंगा में धारा ,
है हिमालय भी हमारा,
और चन्दन वन की खुशबू,
दे रहा संदेश प्यारा।
ए पड़ोसी! प्यार
की,
भाषा यहां क्यों छोड़ दी?
एक भारत श्रेष्ठ भारत,
से क्यों नाता तोड़ दी।
क्या?बताओ आज तुम,
एक भारत श्रेष्ठ भारत-सा,
न बन पाओगे तुम।
जन –जन का प्यारा है,
भारत देश हमारा है।
सब देशों से न्यारा है,
सब देशों से प्यारा है।
हिन्दु, मुस्लिम,सिक्ख,इसाई
सबका प्यारा है भारत,
वसुधैव कुटुम्बकम् का
पाठ पढ़ाता है भारत।
अनेकता में एकता का,
विश्व में मिशाल है भारत,
एक भारत श्रेष्ठ भारत,
जन –जन का दुलारा है भारत।
रविवार, 22 सितंबर 2019
शनिवार, 21 सितंबर 2019
मंगलवार, 17 सितंबर 2019
ये हिन्दी हिन्द की भाषा..............
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श्री ओम प्रकाश नारायण
(सीवान)
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ये हिन्दी हिन्द की भाषा..............
बड़ी अनमोल है भाषा,
इसी में प्यार का संवाद,
सुख-दु:ख बांटते है हम,
बड़ी
प्यारी दुलारी है,
खुशी-दु:ख बांटते है हम, ये हिन्दी हिन्द की भाषा..............
प्रीत की रित ,हार में जीत,
कंठ में गीत,नयन में प्रीत,
सिखाती सब पर्वो की
रित,
बनाती सबको अपना मित,
ये हिन्दी हिन्द की भाषा..............
नदी घाटी समन्दर
पार,
जब पहॅुची वहॉ हिन्दी,
वहॉ भी बन गयी जाकर,
गले का हार ये हिन्दी,
ये हिन्दी हिन्द की भाषा..............
अगर चाहो पढ़ो टैगोर,
प्रितम सुन्दरम एकबाल को,
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पढ़ो हिन्दी,गढ़ो हिन्दी,
पढ़ोगे बेहिचक तुम
भी बिहारी लाल को,
ये हिन्दी हिन्द की भाषा..............
पढ़ो खुसरो को दिनकर को,
नेपाली की पढ़ो हिन्दी,
परी बनकर उतर आई हो,
जैसे स्वर्ग से
हिन्दी,
ये हिन्दी हिन्द की भाषा..............
नयी पीढ़ी तुम्हारे नाम ,
एक संदेश लाया हॅू,
व्यथा अपनी सुनाने,
ऐ धरोहर आज आया
हॅू्.
ये हिन्दी हिन्द की भाषा..............
समापन पर करो प्रण आज,
कि तुम प्रण निभाओगे,
ये हिन्दी राष्ट्रभाषा हो.
कदम मिलकर बढ़ाओगे,
ये हिन्दी हिन्द की भाषा
बड़ी अनमोल है भाषा,
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