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सोमवार, 3 अगस्त 2020

सफल जीवन

 सफल जीवन 

जीवन में सफलता ,उच्च स्तरीय रहन -सहन, प्रचुर धन दौलत की अपेक्षा अधिकांश लोगों को होती है। इस तरह की इच्छा का होना कोई ख़राब तो नहीं, लेकिन इसके लिए कड़ी मेहनत की ज़रूरत होती है।  प्रायः देखने में आता है कि अधिकांश लोग इसी मामले में विफल हो जाते हैं। वे इस तरह की सारी उपलब्धियां रातों-रात प्राप्त करना चाहते हैं। ऐसे लोग इस भाव के चलते परिश्रम धैर्य की जगह उतावले होकर नकारात्मक रास्ता अपनाने लगते हैं। छल ,धोखा, अनैतिक ढंग से कुछ हासिल कर तो लेते हैं ,लेकिन धीरे धीरे उसमें एक अज्ञात भय भी समाने लगता है। किसी भी उपलब्धि के लिए ठोस आधार उसी प्रकार होना ज़रूरी है जिस प्रकार किसी भवन या महल के लिए मज़बूत आधार की ज़रूरत होती है।  जीवन में उपलब्धियों के लिए धैर्य और धर्म का रास्ता नहीं छोड़ना चाहिए. दूसरों का हिस्सा हड़प कर प्राप्त उपलब्धियां दोष पूर्ण होती है. इससे परिवार से लेकर समाज तक में कटुता और वैमनस्य  का परिवेश बनता है।  

स्थिति यह है कि हर कोई दूसरे का विश्लेषण तो कर रहा है और स्वयं आत्मविश्लेषण पर उसका ध्यान नहीं जा रहा है । यदि कोई व्यक्ति दूसरे के घर के कूड़े कर-कट की सफ़ाई करता है तो उस व्यक्ति का तो घर साफ़ हो जाएगा ,पर अपने घर में गंदगी बनी रहेगी. होना तो यह चाहिए कि प्रत्येक व्यक्ति अपना घर साफ़ करने में जुटे। यही बात आचरण के लिए भी ज़रूरी है।  व्यक्ति इस बात की चिंता छोड़कर कि कौन कैसा है वह अपने स्वभाव और आचरण को उच्चतम बनाएँ तो उसकी ही छवि उच्चतम होगी  और उसकी ख्याति बढ़ेगी. कोई व्यक्ति उच्च उपलब्धियां पाने के लिए सुनियोजित तरीक़े से कार्य करें तो उसे सफलता ज़रूर मिलेगी।  विद्वानों ने कहा है कि  किसी क्षेत्र में  प्रयत्न करने से भी मनोरथ पूरे नहीं हो रहे हैं तो ज़रूर प्रयत्न में ही कोई दोष होगा। व्यक्ति को चाहिए कि वह अपने प्रयत्न में सुधार कर सफलता के मार्ग पर आगे बढ़ें।  


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