होली है आई
...भानु प्रकाश नारायण
आई रे आई होली है आई
सब के चेहरे पर खुशियां है छाई,
कुड़ियों ने ली है अंगड़ाई
पुरुषों ने भंग है चढाई,
शीत ऋतु की हो रही है बिदाई
मधुर-मधुर यादों की आहट है आई
उषा की किरणे प्यार है दिखलाई
साहब जी ने भाईचारा है फैलाई।
महिला कर्मियों ने होली की योजना खूब है बनाई,
बिरंगी पिचकारियां है मंगवाई।
रंगों और गुलाल की लंबी सूची
सबने मिलकर है बनवाई
जिसकी सचिव महोदय ने
अनुमति है नहीं दिलवाई।
पीसीओएम महोदय ने
प्राकृतिक रंगों की
बात है समझाई,
जिस पर सभी ने
सहमति है जतलाई
सब ने खूब मिठाई खाकर
रेल परिसर में खूब धूम है मचाई
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...भानु प्रकाश नारायण
आई रे आई होली है आई
सब के चेहरे पर खुशियां है छाई,
कुड़ियों ने ली है अंगड़ाई
पुरुषों ने भंग है चढाई,
शीत ऋतु की हो रही है बिदाई
मधुर-मधुर यादों की आहट है आई
उषा की किरणे प्यार है दिखलाई
साहब जी ने भाईचारा है फैलाई।
महिला कर्मियों ने होली की योजना खूब है बनाई,
बिरंगी पिचकारियां है मंगवाई।
रंगों और गुलाल की लंबी सूची
सबने मिलकर है बनवाई
जिसकी सचिव महोदय ने
अनुमति है नहीं दिलवाई।
पीसीओएम महोदय ने
प्राकृतिक रंगों की
बात है समझाई,
जिस पर सभी ने
सहमति है जतलाई
सब ने खूब मिठाई खाकर
रेल परिसर में खूब धूम है मचाई
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