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गुरुवार, 7 जनवरी 2021

दुर्घटना रहित सेवा के लिए पुरस्कार

 दुर्घटना रहित सेवा के लिए पुरस्कार

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दुर्घटना रहित सेवा के लिये पुरस्कार स्वीकृत करने के लिये भारतीय रेल में सर्वप्रथम योजना बोर्ड के दिनांक 2.3.73 के पत्र सें. ई(जी)78 ए. डब्ल्यू/1 अन्तर्गत आरम्भ की गई थी। इस योजना के अन्तर्गत आने वाली कोटियों में - (क) कांटा वाला/ कैबिनमैन/स्विचमैन/कैबिन सस्टेमा, (ख) सस्टेमा/स्टेमा एवं (ग) चालक मोटरमेन थे। ये पुरस्कार सेवानिवृत्ति के उपरान्त दुर्घटना रहित सेवा के लिये अन्य पुरस्कारों के साथ, दुर्घटना आदि बचाने में अति विशिष्ट/उत्कृष्ट कार्यों के लिये दिये  जाने थे। इन पुरस्कारों के लिये योजना की शुरुआत कर्मचारियों में, सेवाकाल में उच्च स्तर-प्राप्त करके दूसरों के लिये उदाहरण बनने के साथ-साथ उत्तरदायित्व के साथ कार्यों को करने की प्रेरणा देकर, उनकी कार्यकुशलता में वृद्धि लाने के लिये की गई थी।

1987 में इस योजना में संशोधन करते हुए एक व्यक्ति के सेवाकाल में 5 स्तरों पर तथा सेवानिवृत्ति के बाद छठे स्तर पर इन पुरस्कारों को प्रदान करने की योजना बनी। यह पुरस्कार कर्मचारियों की उन्हीं कोटियों तक सीमित है जिनके कार्यों में उनकी क्षणिक भूल के कारण गलतियाँ होने की सम्भावना रहती हो और इसी कारण इसे केवल कुछ नामित कोटियों तक ही सीमित रखा गया। इस योजना में पुनः संशोधन करते हुए इसे मात्र तीन स्तरों पर प्रदान करना निर्धारित किया गया।

बाद में इस योजना में पुन: परिवर्तन किया गया है और इसके अनुसार, दुर्घटना रहित सेवा पुरस्कार केवल संरक्षा कोटियों के कर्मचारियों को मात्र सेवानिवृत्ति के समय देय रहेगा।

अब यह निश्चय किया गया है कि इस पुरस्कार की स्वीकृति के उद्देश्य से कर्मचारी के सम्पूर्ण सेवाकाल को समग्र रूप से देखा जाय। इस पुरस्कार की राशिसंयुक्त रूप से सभी कोटियों में संपूर्ण सेवाकाल पर निर्भर करते हुए घट-बढ़  सकती है।

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