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रविवार, 17 जनवरी 2021

हमारी आदतें

 हमारी आदतें मेरे अंतःकरण में एक ओर सद्गुण तो दूसरी ओर दुर्गुण खड़े हैं।उन्होंने अपनी व्यवस्थित व्यूह रचना कर रखी है।

व्यक्ति को उदासी का चादर ओढ़ लेने के बजाय कुछ ना कुछ रचनात्मक कार्य करते रहना चाहिए । बुरा समय गुजर जाता है। लगातार सक्रिय रहने की व्यक्ति की क्षमता ही व्यक्ति के अस्तित्व को बनाए रखती है।

रोजाना हम जो कुछ करते हैं उसमें छोटी-छोटी बातों या आदतों पर हमारी नजरें कम पड़ती है।उन्हें बेहतर बनाने का प्रयास करें तो पाएंगे कि इन्हीं अनदेखी आदतों के कारण अब जिंदगी में बदलाव शुरू हो गया।

 आप को मजबूती से आगे बढ़ने में मदद करेगी।

यदि बेहतर कल के लिए आपको अपनी आरामदायक जिंदगी को आज न कहना पड़े, मुश्किलें उठानी पड़े तो उसके लिए सहर्ष तैयार रहें।

प्रतिक्रियावादी ना बने कुछ बुरा लगने पर एकदम से जवाब ना दें । आपको ठहरना है और सोचना है कि क्या सही है और किस तरह का जवाब देना बेहतर होगा।

आप मशीन नहीं पर शरीर कुछ संकेत जरूर देता है । शरीर की बुनियादी मांगे पूरी करें । उसकी देखभाल करें अनदेखा करने का अर्थ हुआ कि आप अपने जीवन के प्रति सजग नहीं और अंतत: अपने कर्तव्य के प्रति भी नहीं।

आत्मविश्वास आपकी बाहरी सफलता या प्रगति से सीधे जुड़ा है । किताब पढ़ने का समय नहीं पर दिनचर्या में कुछ नया पढ़ने- सीखने को शामिल करें।

अपनी किसी बुरी आदत को देखकर उस पर सोचने या परेशान होने के बजाय आपको यह देखना है कब आप  अधिक प्रेरित होते हैं और कब कुंठित हो जाते हैं इसका आकलन करने के बाद स्वयं को तीसरा पक्ष मानकर अपने को संतुलित सलाह देते रहें।

लगातार सक्रिय रहकर नए प्रयास और बदलाव के लिए अपने आप को प्रेरित करते रहें।

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