इस ई-पत्रिका में प्रकाशनार्थ अपने लेख कृपया sampadak.epatrika@gmail.com पर भेजें. यदि संभव हो तो लेख यूनिकोड फांट में ही भेजने का कष्ट करें.

मंगलवार, 1 अक्तूबर 2019

मोक्ष का मार्ग

मोक्ष का मार्ग 

मानव जीवन में दो मार्ग है और दूसरा मोक्ष का मार्ग ज्यादातर लोग यह समझते हैं कि मृत्यु के बाद जब शरीर रूपी बंधन से मुक्ति मिलती है तब मोक्ष मिलता है लेकिन सच्चाई यह है कि मनुष्य जीवित रहते हुए मोक्ष प्राप्त कर सकता है। महाभारत में भगवान श्री कृष्ण अर्जुन से कहते हैं कहां कर्म करते हुए और उन कर्मों को मन से परम सत्ता को अर्पण करते हुए कोई पुरुषार्थ करता है तो इसी जीवन में मोक्ष पा लेता है.
 दरअसल कर्म करते हुए व्यक्ति को अनेकों अनेक बंधनों को काटना पड़ता है जिसमें लोग और आम प्रमुख हैं। क्योंकि बंधन हमेशा दुष्ट प्रवृत्तियों के ही होते हैं इसलिए उनसे छुटकारा पा लेना ही मोक्ष है। यदि यह महिमा हमारे अंदर आ जाए तो मोक्ष का तत्वज्ञान समझते हुए हम जीवन को सफलता की चरम सीमा तक पहुंचा सकते हैं। हमें मानव जीवन मिला है इसीलिए है कि हर व्यक्ति इस परम पुरुषार्थ के लिए कर्म करें एवं परम तत्व की प्राप्ति के लिए इस प्रयोग को सार्थक बनाएं ।
बंधन और मोक्ष में फर्क सिर्फ इतना सा है कि जब आसुरी संपदा हमारे पास पड़ेगी तो हम बंधन की ओर पड़ जाएंगे लेकिन जब दैवी संपदा हमारे पास पड़ेगी तो हम मोक्ष की तरफ बढ़ जाएंगे बंधन का मकड़जाल हमें जकड़े रहता है लेकिन छुटकारा पाना हर व्यक्ति के लिए जरूरी है कि हर व्यक्ति के लिए जरूरी है जो व्यक्ति कुछ भी करता है उसमें क्रोध नहीं होना चाहिए बल्कि उसका निर्णय समाज के हित में होना चाहिए पूरा महाभारत का युद्ध में पांडवों के मन में द्वेष नहीं बल्कि अखंड भारत के कल्याण की भावना जगाई और एक संस्कारी राजा का आदर्श रखते हुए ईश्वर के लिए कर्म करने की भावना करने को कहा
की आत्मा 
शास्त्रों और पुराणों में कहा गया है कि आत्मा तब तक एक सरीसृप से शरीर में भटकती रहती है जब तक की मौत की प्राप्त नहीं हो जाती। जब तक कि मोक्ष की प्राप्ति नहीं हो जाती इसीलिए मोक्ष प्राप्ति के लिए किए जाने वाले कर्म को जीवन जीने की कला कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। मोक्ष प्राप्ति के लिए हमें अपनी वाणी पर संयम रखना चाहिए और क्षमता को बढ़ाना चाहिए और निरंतर अध्ययन करते रहना चाहिए तभी हम मोक्ष के मार्ग पर आगे बढ़ पाएंगे और को पाने में सेवा भी बहुत है

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें