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बुधवार, 18 मई 2022

उल्लास की ऊर्जा


            जीवन में उल्लास का बड़ा महत्व है। यही उल्लास हमारी अंतःस्थिति है। इसे थोपा नहीं जा सकता और न ही खरीदा जा सकता है। उल्लासपूर्ण जीवन जीने की कला हमें सुखी बनाती है। हमारे जीवन में अनेक झंझावात आते हैं। समय-समय पर दुख, विषाद हमें घेर लेता है। यदि मन में उल्लास हो तो इन परिस्थितियों से भी हमारा मन जीत सकता है। यही उल्लास हमें जीवन की नई राह दिखाता है। दुर्भाग्य से कई बार हम अपने निकटस्थ, सगे संबंधियों को खो बैठते हैं। उसके बाद मन शोक में डूब जाता है। जीवन निरर्थक लगने लगता है। संसार के समस्त वैभव धूल के समान लगने लगते । कहीं भी मन नहीं लगता। हमें श्मशान वैराग्य घेर लेता है। इस स्थिति से हमें हमारी जिजीविषा और उल्लास ही बाहर निकाल सकते हैं। यह उल्लास जीवन जीने का अर्थ प्रदान करता है। इसके सहारे ही हम आगे बढ़ने एवं नित नूतन कुछ श्रेष्ठ करने की प्रेरणा लेते हैं। एक साधारण व्यक्ति भी घर और परिवार की जिम्मेदारी को अनुभूत करने लगता है। परिस्थितियों को सामान्य करने की सामर्थ्य उल्लास में ही है। उल्लास की ऊर्जा से भरा हुआ व्यक्ति जीवन की हर चुनौती से लड़ने की क्षमता रखता है। उसमें प्रतिरोधों एवं अवरोधों को नष्ट करने की क्षमता स्वतः प्रकट होने लगती है।

            हमारे पूर्वज संसाधनों के नितांत अभावों के बीच भी उल्लासपूर्वक जीवन जीते थे। उन्होंने अपने पुरुषार्थ से पहाड़ों, चट्टानों को काटकर सड़कें बनाईं । भीषण गर्मी में पानी की किल्लत को देखकर मानवीय श्रम से ही बड़े-बड़े पोखर और कुएं बनाए। यह सब उनके भीतर उल्लास एवं संकल्प शक्ति से ही संभव हो पाया। हमें अपने जीवन में उल्लास को कभी कम नहीं होने देना चाहिए। उल्लास में एक अलग सी मादकता होती है। यही मादकता हमें जीवन जीने की राह दिखाती है। हमें प्रसन्न रखती है। यही प्रसन्नता जीवन को आनंदित बनाए रखती है। प्रसन्न जीवन ही एक अर्थपूर्ण जीवन को संभव बनाता है।

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