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बुधवार, 25 जनवरी 2023

संकल्पों की पूर्ति


 संकल्पों की पूर्ति


 जीवन में घटित होने वाली नई घटनाओं के लिए हम सदैव उत्सुक रहते हैं। प्रायः सभी नई चीजें हमें आकर्षित एवं आह्लादित करती हैं। बचपन में बच्चे को नया खिलौना अथवा नए कपड़े मिल जाएं तो वह फूला नहीं समाता ठीक ऐसा ही भाव तब भी उत्पन्न होता है, जब वह नई कक्षा में जाता है। वहां उसे नई पाठ्यसामग्री प्राप्त होती है। नए के साथ उत्साह और उल्लास का भाव बहुत स्वाभाविक एवं सहज है। हम हर नए दिन से कुछ अच्छे की आशा लगाए बैठे रहते हैं। हर नई सुबह हमें आंतरिक स्तर पर नवीनता की अनुभूति कराती है। इसी प्रकार प्रत्येक नए वर्ष में हम नव-उल्लास से भरे रहते हैं। उसमें स्वयं को बेहतर बनाने के लिए कुछ संकल्प लेते हैं, किंतु कुछ दिन बीतने के बाद उस उत्साह को लेकर वह आरंभिक ऊर्जा क्षीण होने लगती है और हम संकल्प सिद्धि की राह से भटक जाते हैं। ऐसे में यही श्रेयस्कर होगा कि हम प्रत्येक सुबह उसी नववर्ष वाली ऊर्जा एवं नवीनता को महसूस करें और अपने संकल्पों की पूर्ति में अनवरत रूप से जुटे रहें ।


वास्तविकता यही है कि कुछ बेहतर और व्यावहारिक संकल्प लेकर ही हम अपने जीवन का कायाकल्प कर सकते हैं। संकल्पों की शक्ति से ही हम उन बुरी आदतों और अवरोधों को दूर कर सकते हैं, जो हमारी सफलता एवं संभावनाओं को ग्रहण लगाते हैं। संकल्पों की शक्ति बढ़ाने और उन्हें सफल बनाने में उल्लास की भूमिका निर्णायक होती है। यह नवीन उल्लास ही हमारी सामर्थ्य बनकर हमारी योग्यता एवं दक्षता को बढ़ाता है। उल्लास रहित जीवन प्रगति की राह से भटक जाता है। स्मरण रहे कि नव-उल्लास से ही नव- विश्वास की नींव का निर्माण होता है। यही विश्वास आत्मविश्वास में परिवर्तित होकर हमारे भीतर नव-शक्ति का संचार करता है। यही शक्ति हमारे जीवन की दशा और दिशा बदलती है। इसलिए हमें इसका महत्व समझना चाहिए।

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