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मंगलवार, 1 मार्च 2022

महाशिवरात्रि पर विशेष

लोक कल्याणकारी शिव भगवान शिव का परिवार विविधता में एकता का प्रतीक है ।राष्ट्रीय एकता के लिए यही महाशिवरात्रि का महान संदेश है ।शिव सृष्टि के आदि भी हैं,अवसान भी।सर्जक भी हैं संहारक भी। उनका संहार नवसृजन के लिए है। महाशिवरात्रि का महापर्व शिव और पार्वती के मिलन का पर्व है। पार्वती प्रकृतिक स्वरुपा है और शिव परब्रह्म परमात्मा। भगवान शिव अनादि अनंत अविनाशी निर्गुण , निर्विकार है। वहीं नृत्य संगीत आदि समस्त कलाओं के अधिष्ठाता हैं। तांडव नृत्य के समय उन्हीं के डमरू निनाद से अक्षरों की उत्पत्ति हुई ।शिव को संघार का देवता माना जाता है किंतु उनके रोम रोम में शिव शिव का अर्थ है कल्याण से भगवान शिव सृष्टि के कल्याण करता है उनके संघार भीगी और जगह दोनों का कल्याण नहीं थे देवा दी देव महादेव महादेव नहीं बनता उसके लिए लोग पीना पड़ता है इसके लिए कोई तैयार नहीं पड़ता है इसके लिए भी करना पड़ता है असंभव है जीवन में सुख की प्राप्ति का उपाय भी यही है।

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