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बुधवार, 23 मार्च 2022

समय का पहिया

 समय का पहिया


    कालचक्र अर्थात समय का पहिया बड़ा बलवान होता है। इसकी सामर्थ्य के समक्ष समस्त शक्तियां नतमस्तक हैं। यह वह शास्वत धारा है, जिसमें हम इतिहास को देख सकते हैं, वर्तमान को महसूस कर सकते हैं एवं भविष्य की कल्पना को रंग दे सकते हैं। कालचक्र की गति अद्भुत होती है। जो इस गति का सम्मान करना सीख गया, वह उन्नति का शिखर पा गया। जिसने इस गति की उपेक्षा की, वह रसातल में समा गया। काल के भाल पर पुरुषार्थ की गाथा लिखने वाले सदैव वंदनीय हो जाते हैं। उनका यशगान युगों तक किया जाता है। समय का धैर्यपूर्वक सदुपयोग हमें परिष्कृत करता है। हम अपने कार्यक्षेत्र में दक्ष होते चले जाते हैं। कालचक्र की अवहेलना हमारे भविष्य को अंधकार से भर देती है। हम उजास एवं उल्लास की गति को तभी पकड़ सकते हैं, जब . समय के साथ कदमताल करें। उसके महत्व को समझें। समय को नष्ट करने वाला वास्तव में अपने भविष्य को नष्ट कर रहा होता है। समय ही है, जो हमारे भविष्य का निर्माता है। समय और परिश्रम की जुगलबंदी हमें सफलता के शीर्ष तक पहुंचाती है।

    जिन्होंने अपने जीवन में समय को महत्व दिया है, समय ने उनके जीवन को महत्वपूर्ण बना दिया है। समय को अपना आदर्श बनाने वाले समय आने पर समाज एवं राष्ट्र के अनुकरणीय एवं आदर्श बन जाते हैं। व्यक्ति के व्यक्तित्व निर्माण में समयबोध का बड़ा महत्व है। समय का वास्तविक बोध हमें सार्थक प्रेरणा देता है। वह प्रेरणा ही शक्ति बनकर हमारे कार्यों को सुघड़ बनाती है। समयबोध ही कर्तव्यबोध के लिए प्रेरित करता है। जब हमें अपने कर्तव्यों का बोध हो जाता है, तब हम निपुणता की ओर अग्रसर होने लगते है। हमें स्वयं समयबद्ध होने का संस्कार पैदा करना चाहिए। यह संस्कार हमें जीवन में नए क्षितिज प्रदान करता है। समय की गति के साथ मति पूर्वक व्यवहार करना चाहिए। यही व्यावहारिक बुद्धिमत्ता हमारे सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी।

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