मानवरहित समपारों को मानवित करने के कारण कार्यरत स्टेशन
मास्टर के ऊपर बढ़ते दबाव
- धीरेन्द्र कुमार
रेलवे
बोर्ड के निर्देशानुसार सभी मानवरहित समपारों (Unmanned Level
Crossing Gates) को समाप्त किया जाना है। पूर्वोत्तर
रेलवे में वर्तमान में 1094 मानवरहित
समपार हैं, जिन्हें समाप्त/मानवित
किया जाना है। वर्तमान में इस रेलवे में कुल 1271 मानवित समपार हैं। यदि सभी मानवरहित समपारों को मानवित कर
दिया जाय तो कुल मानवित समपारों की संख्या-2365 हो जायेगी, जिसके
फलस्वरूप स्टेशन मास्टर के ऊपर कार्य का बोझ बढ़ने के साथ-साथ संरक्षा सुदृढ़ करना
भी एक गम्भीर चुनौती होगी, क्योंकि
स्टेशनों से अधिक संख्या में समपारों के सम्बद्ध होने पर मानवीय भूल की संभावना बढ़
जाती है। नान-इण्टरलाक समपारों पर गेटमैन से दो-दो बार प्राइवेट नम्बर का
आदान-प्रदान करना पड़ता है, जिसमें समय
लगता है,
जिसके फलस्वरूप गाड़ियों का समय-पालन भी प्रभावित होता है।
यद्यपि
कि मानवित किये जाने का मापदण्ड टी.वी.यू. है, किन्तु देखा जा रहा है कि
छपरा-बाराबंकी मेन लाईन में कई समपारों (जैसे-126 सी देवरिया-नूनखार,टी वी यू-4970,रोड
वेहकिल यूनिट-47 तथा 124 सी देवरिया-नूनखार, टी वी यू-4060,रोड वेहकिल यूनिट-42,इत्यादि।) के सड़क वाहनों की संख्या बहुत कम होते हुए भी एवं
रेलगाड़ियों की संख्या अधिक होने से टी.वी.यू. बढ़ जाता है और आरक्षित किये जाने के
मानक के अन्तर्गत आ जाता है। इसलिए सुझाव है कि ऐसे समपार, जिसका रोड वेहकिल यूनिट
50
से कम है, का
पुनः समीक्षा कर मानवित करने से पूर्व सभी संभावनाओं पर विचार कर (उदाहरणतः बन्द करना, अन्य समपार से जोड़ना आर.यू.बी./एल.एच.एस. आदि) जिलाधिकारी
की अनुमति लेकर यथा संभव बन्द करने का प्रयास किया जाना चाहिए। ऐसा करने से
संरक्षा होने के साथ-साथ समय-पालन में भी वृद्धि हो सकेगी तथा रेल राजस्व में भी बचत
होगी।
उप मुपरिप्र/नियोजन
पूर्वोत्तर रेलवे, गोरखपुर
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