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सोमवार, 25 मई 2015

ट्रेनों में आग से रोकथाम
श्री राजीव मिश्र, महाप्रबंधक 



दिनांक 16.05.15 को महाप्रबंधक/पूर्वोत्तर रेलवे श्री राजीव मिश्र की अध्यक्षता में संरक्षा विभाग द्वारा "ट्रेनों में आग से रोकथाम" विषय पर संरक्षा संगोष्ठी का आयोजन किया गया.
 इस अवसर पर महाप्रबंधक श्री राजीव मिश्र ने अपने संबोधन में कहा-
 
''भारतीय रेल देश के परिवहन की रीढ़ है। हम ट्रेनों का उपयोग माल ढुलाई एवं यात्री यातायात के लिए करते हैं। ट्रेन की यात्रा सस्ती एवं आरामदायक होने के कारण लोग ट्रेन की यात्रा को प्राथमिकता देते हैं। हमारा कर्तव्य है कि हम रेल यात्रियों को सुरक्षित एवं संरक्षित यात्रा प्रदान करें।
 
 
ट्रेन में अग्निकांड मानव जीवन एवं सरकारी सम्पत्ति दोनों के लिए बहुत ही गंभीर आपदा कहलाती है। हमारे लिए ट्रेन में आग से रोकथाम एक गंभीर मुद्दा है। वैसे तो हमने ट्रेन के प्रत्येक कम्पार्टमेंट में आग से बचाव के बारे में सावधानी बरतने संबंधी पोस्टर आदि लगा रखे हैं, जिसमें यात्रियों को ’’धूम्रपान निषेध’’ "ज्वलनशील सामग्री न ले जाएं’’ के संबंध में आगाह किया गया है। इसके अलावा हम समय-समय पर विशेष अभियान चलाकर अनाधिकृत सामग्रियों की जांच भी कराते रहते हैं। फिर भी नियमित जांच प्रणाली की विफलता अथवा असामाजिक तत्वों के कार्यकलापों से कभी-कभी ट्रेन में आग लगने की दुर्घटना घट ही जाती है।
 
 
वर्तमान में भारतीय रेलवे पर ऐसा कोई विशेष अग्नि निवारक उपाय प्रयोग में नहीं लाया गया है जिससे शत-प्रतिशत अग्निकांड से बचाव हो। ट्रेन में आग लगने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे विद्युत तार में शार्ट सर्किट होना, ट्रेन में डीजल, पेट्रोल, गैस स्टोव, विस्फोटक, पटाखे आदि ले जाना अथवा धूम्रपान करना। हम इन पर रोक लगाकर काफी हद तक ट्रेन में आग लगने से रोक सकते हैं।
 
 
आग की भयावहता से रेल यात्रियों, चल स्टाक एवं रेल इंफ्रास्ट्रक्चर को बचाना रेल प्रशासन के लिए एक दुष्कर कार्य है। धूम्रपान की एक छोटी सी चिंगारी विकराल रूप धारण करने रेलवे का काफी नुकसान पहुंचा सकती है। इससे निपटने के लिए हमें सटीक योजना बनानी होगी एवं सम्मिलित प्रयास से इसका हल निकालना होगा।
रेलवे पर आग से रोकथाम के लिए दो चरणों में कार्य करना होगा-
 
1. अग्नि निवारण प्रबंधन के लिए सुरक्षा की प्रथम पंक्ति के रूप में आन बोर्ड रोलिंग स्टाक प्रबंधन एवं फायर डिटेक्शन
 
2. तत्पश्चात् स्टेशन का सुरक्षा प्रबंधन
 
ट्रेन में अग्निकांड से यात्रियों की संरक्षा (सेफ्टी) को उच्चतर बनाने के लिए भारतीय रेलवे ने अनेक कदम उठाए हैं-
- कोचों को फायरप्रूफ बनाने के लिए भारतीय रेलवे सदैव प्रयासरत है, इसके लिए फायरप्रूफ सामग्रियों के इस्तेमाल पर विशेष बल दिया जा रहा है। ऐसी सामग्रियों की विशिष्टियों की राष्ट्रीय एवं अतर्राष्ट्रीय मानकों के आधार पर आवधिक रूप से समीक्षा की जाती है।
 
- सभी नए कोचों के निर्माण एवं विद्यमान कोचों की आवधिक ओवरहालिंग के समय फायरपू्रफ सामग्री लगाई जा रही है।
 
- सभी वातानुकूलित कोचों, गार्ड ब्रेकवान, पेंट्रीकार एवं ट्रेन लोकोमोटिव में अग्निशामक उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं। सभी विद्युत उपकरणों एवं फीटिंग जैसे एमसीबी, लाइट फीटिंग, टर्मिनल बोर्ड, कनेक्टर आदि में उन्नत किस्म की सामग्री उपयोग में लाई जा रही है।
 
- पेंट्रीकार में सुरक्षित एवं संरक्षित उपाय अपनाने के विस्तृत निर्देश दिए गए हैं और समय-समय पर पेंट्रीकार में विद्युत एवं एलपीजी फीटिंग की आवधिक जांच सुनिश्चित कराई जा रही है।
 
- यात्रियों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से व्यापक प्रचार अभियान चलाकर उन्हें अपने साथ ज्वलनशील सामान लेकर यात्रा नहीं करने पर जागरूक किया जा रहा है।
 
- रेलवे स्टेशनों पर अग्निशामक व्यवस्थाएं की गई हैं, प्रत्येक स्टेशन पर दो ड्राई केमिकल पाउडर टाइप अग्निशामक उपलब्ध कराए गए हैं। सभी स्टेशनों पर सूखी रेत एवं पानी से भरी बाल्टियां रखी रहती हैं।
 
- स्टेशनों पर विभिन्न तरह के अग्निशामक उपकरणों को परिचालित करने के लिए संरक्षा पोस्टर लगाए गए हैं।
 
- स्टेशन मास्टर जैसे प्रथम पंक्ति के स्टाफ को अग्निशामक उपकरण को परिचालित करने का नियमित प्रशिक्षण दिया जाता है।
 
- आग बुझाने के बारे में आवधिक ड्रिल नियमित रूप से आयोजित किये जाते हैं।
 
- रेलवे स्टेशनों पर समीप के फायर ब्रिगेड के टेलीफोन नम्बर उपलब्ध हैं।
 
- ट्रेनों में एवं स्टेशन परिसर में ज्वलनशील/खतरनाक सामानों को लाने/ले जाने के विरूद्ध लगातार अभियान चलाया जाता है।''

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