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बुधवार, 19 फ़रवरी 2020

आदर


आदर

सम्मान पाने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि हम भी दूसरों का आदर करें। जब हम किसी का आदर करते हैं तो वह भी प्रतिक्रिया में हमारा आदर करता है। अच्छा व्यवहार सभी को अच्छा लगता है और बुरा व्यवहार किसी को भी अच्छा नहीं लगता। हम महज एक नमस्ते या धन्यवाद कहकर कईयों को अपना बना सकते हैं। इसी तरह आपके अच्छे व्यवहार से प्रतिकूल परिस्थितियां भी आपके अनुकूल हो जाती हैं, जबकि गलत व्यवहार के अनुकूल परिस्थितियां आपके प्रतिकूल हो सकती हैं।

कई लोग वस्तुओं को ज्यादा महत्व देते हैं उन्हें राम ऐसे लोग मानते हैं कि उनके पास जब सारी भौतिक सुख सुविधाएं हैं तो वह किसी को नमस्ते या धन्यवाद क्यों कहें।मनुष्य को कभी भी सांसारिक वस्तुओं पर अभिमान नहीं करना चाहिए। यह वस्तुएं हमारे जीवन का हिस्सा भर हैं, हमारा जीवन नहीं। मनुष्य का जीवन मनुष्य के साथ ही है, किसी भांति इस वक्त उनके साथ नहीं। मनुष्य को हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि वह भौतिक वस्तुओं का उपयोग करें,लेकिन कभी भी भौतिक वस्तुएं उसका उपयोग ना करने पाएं। हर मनुष्य को यही प्रयास करना चाहिए कि वह अपने व्यवहार एवं कर्म से समाज में आदर्श स्थापित करें। ऐसा करने के लिए उसे अपनी सोच का दायरा बढ़ाना होता है, क्योंकि संकुचित मानसिकता से ऐसा करना संभव नहीं। जब हम अपनी सोच को विकसित करते हैं तो हमारा ज्ञान बढ़ता है। तब हमें यह महसूस होता है कि हर मनुष्य हमारी ही तरह है और हम उसी रूप में उनका अभिवादन करते हैं। 

आचरण मनुष्य का श्रृंगार होता है, इसीलिए हम सभी को हमेशा मर्यादित आचरण करना चाहिए। हम जब भी किसी दूसरे के बारे में बोलें तो वह सकारात्मक ही हो और हम कभी किसी की पीठ पीछे बुराई ना करें। मनुष्य को घृणा को त्याग देना देना चाहिए। घृणा में मनुष्य अपने आप को ही जलाता है, जबकि प्रेम करके दूसरों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरता है, बल्कि खुद भी अच्छा महसूस करता है।


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