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बुधवार, 5 फ़रवरी 2020

एकाग्रता का मंत्र

एकाग्रता का मंत्र
 जीवन को सफल एवं सार्थक बनाने में एकाग्रता की बहुत महत्व है. मन की एकाग्रता
 हमारी शक्ति की आधारशिला बनती है. यह जीवन की समस्त शक्तियों को समाहित 
कर मानसिक क्रांति उत्पन्न करती है. एकाग्र मन भटकाव  के शिकार मस्तिष्क की
 तुलना में अवसरों का अधिक लाभ उठा पाता है. एकाग्रता एक तरह से हमारी 
शक्तियों को जागृत कर मुश्किलों को हटाकर हमारे लिए मार्ग तैयार करती है. 
एकाग्रता में वह ऊर्जा होती है कि यह आवेश को शांत कर देती है.  जर्मन महाकवि  
 गेटे ने कहा है कि '' जहां भी तू है ,पूरी तरह वहीं रह’ यह एक महामंत्र है’. जिसका 
 आशय  है कि एक समय में सिर्फ एक काम करो,  जो काम हाथ में है, उसमें अपने 
समस्त व्यक्तित्व को केंद्रित करो. परिणाम क्या होगा ?  यह मत सोचो. काम खत्म 
करने पर परिणाम चाहे जो भी हो, पश्चाताप मत करो वास्तव में पूर्ण एकाग्रता ही सफलता की कुंजी है.  जो लोग चित को को चारों ओर बिखेर कर काम करते हैं, उन्हें इसकी  क्षति बाद में पता चलती है। कार्नेगी कहते हैं कि नव युवकों के व्यापार में असफल होने का एक बड़ा कारण यह है कि  वे अपने मन को एकाग्र नहीं कर पाते.  दरअसल आपके विचारों का संपूर्ण प्रवाह आपके आदर्श की ओर प्रवाहित होना चाहिए।  उसके विपरीत या भिन्न दिशा में नहीं।  एकाग्रता और एकजुटता से बड़े से बड़े काम पूरे किए जा सकते हैं।  और धीरे-धीरे उस मकसद के
 लिए कार्य करना हमारा स्वभाव बन सकता है.  यदि आप विषम से विषम परिस्थिति 
में भी मन को लगातार एकाग्र करके रचनात्मक स्थिति बनाए रख सकते हैं, और अपने आदर्श की ओर बढ़ने में निरंतर संघर्ष करते रह सकते हैं, तो समझ लीजिए कि आपके जीवन का लक्ष्य बहुत पास है। स्वेट मार्डन ने कहा है कि जबरदस्त एकाग्रता के बिना कोई भी इंसान सूझबूझ वाला अविष्कारक, दार्शनिक, लेखक ,मौलिक कवि, या शोधकर्ता नहीं हो सकता है। 

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