इस ई-पत्रिका में प्रकाशनार्थ अपने लेख कृपया sampadak.epatrika@gmail.com पर भेजें. यदि संभव हो तो लेख यूनिकोड फांट में ही भेजने का कष्ट करें.

शुक्रवार, 3 मार्च 2023

असंभव से संभव

 असंभव से संभव


असंभव शब्द का यही अर्थ है कि कोई ऐसा कार्य जो संभव न हो पाएगा। हालांकि यह असंभव शब्द भिन्न-भिन्न मनोस्थिति वाले व्यक्तियों पर भिन्न प्रकार से प्रतिक्रिया करता है। कहीं यह उत्प्रेरक हैं तो कहीं अवरोधक । संसार अधिकांशतः ऐसे लोगों से भरा है जो किसी दुरूह कार्य के समक्ष बिना प्रयास किए ही समर्पण कर देते हैं। ऐसे लोग तो बाजी खेलने से पहले ही हार मान लेते हैं, परंतु कुछ विरले ऐसे भी होते हैं, जो अपने प्रयासों और पुरुषार्थ से असंभव को भी संभव कर दिखाते हैं।


वस्तुतः, असंभव को हमने अपने मन पर किस प्रकार आरोपित किया, इसी में सारी इच्छाशक्ति का गणित है। दुर्बल इच्छाशक्ति वाले तत्काल हथियार डाल देते हैं। उनके अंतर्मन में विक्षेपण पैदा होता है और वे अपनी ही क्षमताओं पर संदेह करने लगते हैं। वे मनोवैज्ञानिक रूप से उसी क्षण हार चुके होते हैं, जब किसी ने कह दिया कि यह असंभव है । मन के मैदान में मिली पटखनी दिखाई नहीं देती, पर चोट बड़ी गहरी करती है। दूसरी ओर दृढ़ इच्छाशक्ति वाले व्यक्ति को यह 'असंभव' शब्द एक चुनौती देता हुआ ललकारता है। वे तत्क्षण उस असंभव को संभव बनाने की दिशा में अपनी सारी शक्ति एवं ऊर्जा लगाने लगते हैं। वे आसानी से हार नहीं मानते। एक धुन, एक लगन उन्हें सकारात्मक रूप से आवेशित कर देती है कि 'अब तो यह करके दिखाना ही है।'


यह आवेश किसी प्रकार का विकार नहीं, अपितु अपने मनोकाश का विस्तार ही है। बहुत धीमी गति से चलने वाले कछुए को मन की लगन ने खरगोश के समक्ष विजेता बना दिया। क्या वह दौड़ने से पहले नहीं जानता था कि उसका मुकाबला किससे है ? औसत मेधा वाले लोगों ने भी अपने जीवन में किसी बड़े लक्ष्य को चुनौती की तरह लिया और उसे साध कर दिखाया। इसीलिए यदि कभी कोई आपको 'असंभव' शब्द का भय दिखाए तो उसे उत्प्रेरक बना डालिए न कि अवरोधक ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें