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बुधवार, 3 अगस्त 2022

अध्ययन का महत्व

 अध्ययन का महत्व


    सृष्टि में मनुष्य ही ऐसा प्राणी है, जो अपनी बुद्धि द्वारा सूझ-बूझ से सही और गलत में भेद कर सकता है। मनुष्य में बुद्धि की कुशाग्रता निरंतर अध्ययन से आती है। अध्ययन एक ऐसी आदत है जिससे हम अपनी सभी समस्याओं का हल प्राप्त कर सकते हैं। किंतु वर्तमान समय में लोगों में अध्ययन की आदत का ह्रास होता जा रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण है सूचना प्रौद्योगिकी का निरंतर समृद्ध होना । आज किसी भी विषय पर जानकारी के लिए हम इंटरनेट का सहारा लेते हैं। यह अच्छी बात है समय के साथ परिवर्तन सदा से होता आया है। किंतु इससे हमें विषय पर जानकारी तो तुरंत मिल जाती है, परंतु हमारी अध्ययन की आदत का ह्रास होता है।
    
    जिस तरह शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम की आवश्यकता होती है, वैसे ही मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए अध्ययन की आवश्यकता होती है। वास्तव में निरंतर अध्ययनशीलता से हम अज्ञानता के अंधकार से निकल कर ज्ञान के प्रकाश की ओर बढ़ते जाते हैं। मनीषियों का मत है कि हम जितना अध्ययन करते हैं हमें उतनी ही अपनी अज्ञानता का ज्ञान होता जाता है। किंतु अध्ययन के लिए हमें सही साहित्य अर्थात पठनीय साहित्य या पुस्तकों का चुनाव करना चाहिए। अन्यथा अज्ञानतावश अपठनीय पुस्तकों का अध्ययन हमें जीवन में गलत राह पर लेकर जा सकता है। पुस्तकें हमारी सबसे अच्छी मित्र और मार्गदर्शक हैं। व्यक्ति के एकांत में उसकी सच्ची साथी हैं। पुस्तकों के साथ आप कभी अकेले नहीं हो सकते। एक विस्तृत संसार हमेशा आपके साथ रहता है।

    प्रायः लोग एकांत भाव की वजह से दुखी रहते हैं, लेकिन जो व्यक्ति अध्ययनशील रहते हैं, उनके जीवन में एकांत भाव का कोई भी स्थान नहीं रहता है। विद्वान व्यक्ति सदैव ही अध्ययन को महत्व देते हैं। उनका कहना है कि अध्ययन से हम अपनी समस्याओं का निवारण कर सकते हैं और अपने निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति कर सकते हैं।


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