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सोमवार, 20 जनवरी 2020

हाथियों का बचाव -प्लान बी

हाथी ना हों रेल हादसों के शिकार,
 रेलवे ने चलाया 'Plan Be
हाथियों के ट्रेन से टकराने के हादसे कई बार होते हैं. जिनसे हाथियों को काफी चोट पहुंचती है. ऐसे में भारतीय रेलवे की ओर से नए प्लान पर काम किया जा रहा है, जिससे हाथियों को पहुंच रहे नुकसान में कमी आ सकती है.
देश के कई हिस्से ऐसे हैं जहां पर रेलवे जंगल के क्षेत्रों से होकर गुजरती है. कई बार ऐसे हादसे भी हुए हैं जिनमें पटरियों को पार करते हुए हाथी या अन्य कई जानवर ट्रेन से टकरा जाते हैं. बीते समय में भी ये हादसे हुए हैं और हाथियों को अपनी जान गंवानी पड़ी है.लेकिन इन घटनाओं को रोकने के लिए भारतीय रेलवे ने नई पहल की शुरुआत की है.
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने 07 सितंबर 2018 को अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो साझा करते हुए इस बात की जानकारी दी. रेलमंत्री ने लिखा, ''रेलवे ने हाथियों को ट्रेन हादसों से बचाने के लिए "Plan Bee" के तहत रेलवे-क्रासिंग पर ऐसे ध्वनि यंत्र लगाए हैं जिनसे निकलने वाली मधुमक्खियों की आवाज से हाथी रेल पटरियों से दूर रहते हैं और ट्रेन हादसों की चपेट में आने से बचते हैं.''
वीडियो में बताया गया है कि अभी PLAN BEE का इस्तेमाल असम के गुवाहाटी के पास किया गया है. गुवाहाटी के पास रेलवे ट्रैकों के पास एक ऐसी डिवाइस लगाई गई है, जिसमें से मधुमक्खी के झुंड की आवाज़ आती है. ऐसे कुछ स्पीकर लगाए गए हैं, जिनसे 600 मीटर की दूरी तक ये आवाज़ जाती है. इनकी कीमत मात्र 2000 रुपए है.
.##.क्यों कारगर साबित हुई ये तकनीक?
वीडियो में दावा किया गया है कि हाथियों को मधुमक्खियों की ऐसी आवाज़ से चिढ़ होती है और वह इससे दूर भागते हैं. यही कारण है कि जब ट्रेन आस-पास होती है तो इस सायरन को बजा दिया जाता है और हाथी पटरी से दूर रहते हैं.

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